कैथल, 17 जुलाई (कृष्ण गर्ग)
भारत सरकार के श्रम आयोग रोजगार विभाग के आर्थिक सलाहकार देवेंद्र सिंह ने जल शक्ति अभियान के तहत अपने तीन दिवसीय दौरा कार्यक्रम के तहत आज तीसरे दिन कलायत बस अड्डïा पर भौमजल पुनर्भरण कूप का शिलान्यास किया। परिवहन विभाग द्वारा वर्षा के जल संचय करने के लिए जिला में स्थित चीका, कौल, ढांड, पूंडरी, राजौंद व पाई के परिसरों में भी भौमजल पुनर्भरण कूप स्थापित किए जाएंगे।
देवेंद्र सिंह ने कलायत बस स्टैंड पर शिलान्यास स्थल पर मौजूद लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे कलायत बस अड्डïा पर भौमजल पुनर्भरण कूप का निर्माण यथा शीघ्र पूर्ण करें ताकि बस अड्डïा के भवन की छत पर जमा होने वाले वर्षा के पानी का संचय किया जा सके। केंद्र सरकार द्वारा जल शक्ति अभियान के लिए जिला में तैनात की गई टीम में वरिष्ठï अधिकारियों में भारत सरकार के श्रम आयोग रोजगार विभाग के आर्थिक सलाहकार देवेंद्र सिंह, भारत सरकार के हाउसिंग एवं शहरी मामले विभाग के निदेशक महेंद्रपाल खडोलिया तथा भारत सरकार के कृषि विभाग के उप सचिव मृत्युन्जय कुमार मिश्रा आदि शामिल हैं। देवेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा देश भर के 254 जिलों में जल शक्ति अभियान चलाया जा रहा है ताकि गिरते भूमिगत स्तर में सुधार किया जा सके और भविष्य के लिए प्रकृति के अनमोल संसाधन जल का संचय किया जा सके। इस अवसर पर पंचायती राज विभाग के कार्यकारी अभियंता आरके गोयल सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
इससे पूर्व आर्थिक सलाहकार देवेंद्र सिंह ने अधिकारियों की टीम के साथ नीमवाला गांव में सिंचाई के लिए टपका सिंचाई विधि अपनाने वाले किसानों से बातचीत की। इस गांव के किसान रणबीर सिंह पुत्र सुल्तान सिंह ने 6 एकड़ में सिंचाई के लिए इस विधि को अपनाया है। देवेंद्र सिंह ने टपका सिंचाई विधि को अपनाने वाले किसानों को सरकार द्वारा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के माध्यम से दिए जा रहे अनुदान की जानकारी हासिल की। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सरकार द्वारा विभाग के माध्यम से टपका सिंचाई विधि के लिए 85 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। किसान द्वारा शेष 15 प्रतिशत तथा इस पर लगने वाला जीएसटी वहना करना होता है। देवेंद्र सिंह ने मौके पर मोबाईल एप के माध्यम से केंद्र सरकार को सुझाव भेजा कि टपका सिंचाई विधि को अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने हेतू जीएसटी को पूर्णत: समाप्त किया जाए। इस गांव में जमीन में पानी पीने की क्षमता कम है। इसलिए कृषि विभाग द्वारा भी आवश्यक कदम उठाए जाएं। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सरकार द्वारा इसके अतिरिक्त विभाग के माध्यम से सिंचाई हेतू भूमिगत पाईप लाईन बिछाने हेतू भी किसान को 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाता है।