कैथल, 18 जनवरी (कृष्ण गर्ग)
गुरनाम सिंह चढूनी जैसे राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लालची कथित किसान नेता की वजह से पूरी किसान जाती बदनाम हुई है! संयुक्त किसान मोर्चा जल्द से जल्द चढूनी को इस आंदोलन से पूर्ण रूप से बाहर निकाले अन्यथा इनके षड्यंत्र से यह पवित्र आंदोलन खात्मे की तरफ चला जाएगा!
यह बात भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के चेयरमैन आल इंडिया लीगल सैल ब्रहम सिंह दहिया ने मीडिया को जारी बयान में कही!
दहिया ने कहा कि दलाली करना गुरनाम सिंह चढूनी का पुराना पेशा है! वसूली के कारण कई मामलों में पहले भी संलिप्तता सामने आई है! इन्ही कृत्यों की वजह से चढूनी को पूर्व में भारतीय किसान यूनियन ने बाहर निकाला था और चढूनी ने फिर अपना अलग संगठन बना लिया था! दहिया ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा चढूनी का किसान यूनियन से स्थाई निष्कासन करे अन्यथा यह आंदोलन तोडऩे का षड्यंत्र रचता रहेगा!
एडवोकेट ब्रहम सिंह दहिया ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा को कई बार आगाह किया था! राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते किसानों का इस्तेमाल करने वालों का करें पूर्ण बहिष्कार होना चाहिए!
स्वयंभू किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी किसान आंदोलन को तोडऩे का काम कर रहे हैं! वे खुद हीरो बनने के चक्कर में समस्त किसानों को अंतर्राष्ट्रीय पटल पर बदनाम करा रहे हैं! अन्नदाता किसान हमेशा शांति प्रिय आंदोलन करता रहा है, यही उसकी पहचान है! गुरनाम सिंह चढूनी जैसे अति महत्वाकांक्षी लोग तोड़ फोड़ कराकर किसानों की छवि खराब करा रहे हैं! इस कृत्य की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है!
दहिया ने कहा कि मैंने संयुक्त किसान मोर्चा से कहा था कि चढूनी से सावधान रहे! वह आंदोलन तोडऩे की साजिश रच रहे हैं! दहिया ने कहा कि शांति पूर्ण रूप से प्रदर्शन करना किसान यूनियन की पहचान रही है! चढूनी के कहने पर हुए करनाल के कैमला प्रकरण ने किसानों की छवि को खराब किया है! उन्होंने कहा कि किसानों को उग्र कर चढूनी जैसे लोग अपना नाम चमकाना चाहते हैं! किसान को जनता आदरभाव से देखती रही है, लेकिन ऐसे प्रकरण लोगों के मन में किसान के प्रति दुर्भावना पैदा करते हैं! किसान ने शदियों की कठोर तपस्या के बाद अपनी शांति प्रिय छवि बनाई है, लेकिन गुरनाम चढूनी जैसे कथित किसान नेता भोले-भाले किसानों को उकसाकर निजी हित साधने में लगे हैं! ऐसे नाम चमकाऊ लोगों की मंशा व कृत्य की जितनी निंदा की जाए कम है!
किसानों से आह्वान
ब्रहम सिंह दहिया ने किसानों से आह्वान किया कि वे ऐसे लोगों के बहकावे में न आएं और उनका बायकाट करें! उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा से भी आह्वान किया कि नाम के भूखे गुरनाम सिंह चढूनी जैसे लोगों को कमेटी से बाहर करें! गुरनाम सिंह चढूनी के भडक़ाऊ बयान आंदोलन के टूटने का कारण बन सकते हैं! वे बार-बार वीडियो जारी कर किसानों को उग्र होकर दंगे करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं! अब राजनीतिक पार्टियों से पैसे लेकर आंदोलन की दिशा भटकाने का पटाक्षेप हो चुका है! आंदोलन शांति प्रिय ढंग से चल रहा है, लेकिन अब आंदोलन की आड़ में तोड़ फोड़ शुरू हो गई है, जो आंदोलन को कमजोर कर रही है! दहिया ने कहा कि वे दशकों से आंदोलन करते आ रहे हैं, लेकिन कभी किसी पर हाथ नहीं उठाया, यही वजह रही कि आंदोलन हमेशा सफल रहे! अराजकता फैलाकर खौफ पैदा करना किसान का काम नहीं है! उन्होंने पुन: किसानों व किसान नेताओं से आह्वान किया कि चढूनी जैसे लोगों की बातों में न आएं व सख्ती बरतते हुए उसे आंदोलन से बाहर निकालें ताकि भविष्य में कोई भी ऐसी हरकत न करे!
दहिया ने कहा कि महत्वाकांक्षा व मनमानी के कारण गुरनाम सिंह चढूनी कई बार किसान आंदोलन स्थल से भगाए जा चुके हैं! टीकरी बार्डर व सिंघू बार्डर पर आपत्तिजनक भाषण देने पर उन्हें मंच से उतारा जा चुका है, लेकिन वे अपनी नामचमकाऊ हरकतों से बाज नहीं आ रहे! दहिया ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि वे ऐसे लोगों के सख्त खिलाफ हैं और ऐसे प्रकरण की साजिश रचने वालों की निंदा करते हैं!
फोटो- केटीएल0ृ