कैथल, कृष्ण गर्ग
लाइसेंस रिन्यू को लेकर मार्केटिंग बोर्ड के अधिकारियों के अड़यिल रवैये के चलते शनिवार को मंडी के आढ़तियों ने सांकेतिक धरना दिया और सरकार, भाजपा तथा मार्केटिंग बोर्ड के खिलाफ जम कर नारेबाजी की। इतना ही नही धरना रोकने के लिये आये भाजपा के नेताओं को भी बेरंग लोटाया। लगभग चार घंटे के बाद डी एम ओ के आस वासन पर मंगलवार तक समस्या को हल करने की कहने पर धरना समाप्त किया और मंडी में गेहूं की बोली शुरू की।
विदित रहे कि तीन दिन पहले मंडी के मंदिर में बैठक करके फैसला लिया था कि यदि शनिवार तक मंडी के आढ़तियों के लाइसेंस तीन साल के लिये रिन्यू नही होते तो वे कमेटी प्रांगण में सरकार के खिलाफ धरना देंगे। इस धरने को रोकने के लिये शुक्रवार को प्रधान कृष्ण मितल को सचिव दलेल सिंह ने बताया कि उनके पास सी ए का फोन आ गया है और कल ई मेल आने पर रिन्यू की रसीदें काट दी जायेगी। इस पर धरना स्थगित कर दिया, परन्तु जब आज सुबह सचिव से बात की गई तो वह साफ इनकार कर गया। इससे स्थिति विस्फोटक हो गई और मंडी के मंदिर में तत्काल आढ़तियों की एमरजैंसी बैठक बुलाई गई। बैठक में प्रधान कृष्ण मितल की अध्यक्षता में कमेटी के प्रांगण में धरना देने का फैसला लिया गया।
बैठक में सरकार के खिलाफ धरना देने का अचानक भाजपा नेताओं को लग गया तो भागे हुये मंदिर में हो रही बैठक में आये। जिनमें कमेटी चेयरमैन राजपाल तवंर, राव सुरेन्द्र, पूर्व विधायक लीला राम, शहरी भाजपा प्रधान विक्की शर्मा तथा सुरेश नोच शामिल थे। बैठक में लाइसेंस के बारे में इन नेताओं ने राजपाल तवंर ये अपने विचार रखने के लिये कहा, परन्तु मंडी के आढ़तियों ने नकारते हुये कहा कि इस पर विश्वास नही किया जा सकता। इस पर जब उसको बोलने से जवाब दिया तो भाजपा नेता सुरेश नोच ने बैठक को सम्बोधित किया और कहा कि उनके पास 31 मई तक का समय है और दो चार दिन में यह समस्या हल हो जायेगी। उनके इस आसवासन को भी आढ़तियों ने नकार दिया और उनको बोलते हुये बीच में ही सरकार, लोकसभा उम्मीदवार व भाजपा पार्टी के खिलाफ नारे लगाते हुये एक दम से खड़े हुये और नारे लगाते हुये कमेटी के प्रांगण में जाकर धरना दे दिया। आढ़तियों ने बताया कि जीटी रोड़ व सड़कों के किनारे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद अधिक फीस लेकर शराब के ठेकों के कानून बदल कर लाइसेंस दिये जा रहे। हम सरकार से कोई बी पी एल, आरक्षण आदि नही मांग रहे। जब नशे के कारोबार के लाइसेंस दिये जा रहे तो उनको किसानों की फसल बेचने के लिये क्यों नही। उनके लाइसेंस या तो पंजाब की तरह लाइफ टाइम के लिये या तीन साल के लिये रिन्यू किये जाये। जिसे कमेटी के अधिकारियों में खलबली मच गई। चार घंटे के अंतराल के बाद डी एम ओ राम मेहर जागलान ने मंगलवार तक इस समस्या का समाधान करने का आसवासन दिया, तब जाकर आढ़तियों ने धरना समाप्त किया। आढ़तियों ने चेतावनी भी दी कि यदि मंगलवार तक लाइसेंस रिन्यू नही हुये तो मंडी में हड़ताल कर पून: बुधवार को धरना दिया जायेगा।
310 लाइसेंसों की रिन्यू की रसीदें कट चुकी- सचिव
इस बारे में आढ़तियों की बैठक में कमेटी सचिव दलेल सिंह ने बताया कि 310 रसीदें तो कट चुकी है। जिसको ले जाना है, ले जा सकता है। बाकी की आदेश आते ही कट जायेगी।
मेरी रोजी रोटी तो बचा लो- डी एम ओ
धरना समाप्त करवाने को लेकर डी एम राम मेहर ने नई व पुरानी मंडी के प्रधानों की अध्यक्षता में आढ़तियों की एक बैठक ली। उन्होंने आढ़तियों को समझाने के काफी प्रयास किया, परन्तु जब आढ़ती ठस में मस नही हुये तो डी एम ओ ने कहा कि कम से कम उनकी रोजी रोटी का ख्याल रख लो। इस पर आढ़ती बोले की उनकी रोजी रोटी खुद खतरे में पड़ी है। पहले अपनी पेट पूजा होगी। बाद में उन्होंने बताया कि मार्केटिंग बोर्ड के उच्च अधिकारी राजकुमार बैनीवाल की मां की मौत हुई है और मंगलवार को उसकी तेरहवीं है। आदेश उन्होंने ही देने है, उनके आते ही आदेश आ जायेंगे। तब जाकर आढ़ती धरना समाप्त करने को माने।
धरने के बाद हुई बोली।
धरना समाप्त होने के बाद कमेटी डी एम ओ राम मेहर जागलान, सचिव दलेल सिंह, मंडी प्रधान कृष्ण मितल ने मंडी में किसानों की गेहूं की बोली शुरू करवाई। जिसके चलते काफी किसानों की फसल बिक गई।
डी एफ एस सी पर लगाये आरोप।
आढ़तियों ने भाजपा नेताओं व कमेटी के अधिकारियों को बताया कि उनको फसल भरने के लिये बारदाना नही दिया जा रहा। बारदाना मंडी में देने के लिये डी एफ एस सी को मंत्री नायब सैनी ने भी फोन कर लिया, परन्तु अधिकारी कहना नही मान रहे और सरकार को बदनाम करना चाहते है।
फोटो-केटीएल01- मंडी स्थित मंदिर में आढ़तियों की होती हुई बैठक।
केटीएल02- कमेटी में धरना देने जाते हुये आढ़ती।
केटीएल03- कमेटी के प्रांगण में धरने के दौरान सरकार को कोसते आढ़ती।
केटीएल06- गेहूं की बोली करते हुये अधिकारी व आढ़ती।
केटीएल05- आढ़तियों से बात करते डी एम ओ राम मेहर जागलान।