
कैथल, 05 मई, (जन क्लब)
सरकार के द्वारा स्वच्छता के नाम पर करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाये जाते है, परन्तु जमीनी स्तर पर स्वच्छता इससे कोसों दुर होती है। जिला प्रशासनिक अधिकारी स्वच्छता के नाम पर ढोंग रचते है और सरकार को झूठी रिपोर्ट सौंपते है। सरकार इस रिपोर्ट को देखकर गद- गद हो जाती है।
कैथल की स्वच्छता की कहानी भी यही दर्शाती है कि स्वच्छता हकीकत से कोसों दुर है, स्वच्छता जमीनी स्तर पर न होकर सिर्फ और सिर्फ कागजों तक ही सीमित है। शहर में सबसे बुरा हाल राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला तथा कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तहसील रोड़ के पास है। जहां पर स्कूल मुख्य गेट के पास ही गंदगी पड़ी रहती है और इसके पास ही दिवारों पर स्वच्छता के लिये लिखे गये स्लोगन जिला अधिकारियों का मजाक उड़ा रहे है । पास के घरों व गलियों से सफाई कर्मी गंदगी को निकाल कर यहां पर डालते है। इस गंदगी के चलते स्कूल का मुख्य गेट बंद कर दिया गया है और दूसरे गेट से बच्चे स्कूल में जाते है। पास पड़ी गंदगी के कारण कमरों में दुर्गन्ध से बच्चों का पढऩा मुश्किल हो जाता है। पढऩे वाली लड़कियों के अलावा गुजरने वाले लोगों को मुंह पर रुमाल रखकर गंदगी में से गुजरना पड़ता है। सड़क पर गंदगी फैलने से जो कुछ जगह बचती है, उस पर वाहनों की अवैध पार्किंग की जाती है। गंदगी में ही आने जाने वालों को जाम लगा रहता है और काफी समय मजबूरी वंश खड़ा रहना पड़ता है। इतना ही नही स्कूल के पास की नालियों का गंदा पानी भी नालियां रुकने के कारण सड़क फैल जाता है। इस गंदगी का लगभग सभी सरकारी अधिकारियों को पता है, परन्तु सभी कुंभकरण नींद सोये पड़े है। उनको जनता की नही तो छोटी- छोटी कन्याओं की जिंदगी की तो होनी चाहिये। इसके पास ही चंद दूरी पर जीवन बीमा, गीता भवन, थाना शहर, सी आई ए , सी आई डी थाना तथा बैंक भी है। इसके अलावा शहर में अन्य जगह भी गंदगी का साम्राज्य बना हुआ है। सतीश, नरेश, विनय, महेश, देसराज, सुभाष, बोबी, नरेंद्र आदि ने जिला प्रशासन से मांग की है कि यहां पर गंदगी डालना बंद करके अवैध पार्किंग रोकी जाये।
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