कैथल, 13 दिसम्बर(कृष्ण गर्ग)
कैथल की अनाज मंडी से प्रति वर्ष मार्केट फीस के रूप में अरबों रुपया वसूलने के बाद भी वर्षा से किसानों की फसल बचाने में नाकाम रहती है। जिसकी लापरवाही के कारण आज वर्षा के दूसरे दिन भी किसानों की फसल तालाब बनी मंडी में ज्यों की त्यों पड़ी रही और पानी में हिलोरे मारती रही। मंडी के आढ़ती राम कुमार, काला राम, राम नारायण, ऋषि पाल, पवन कुमार आदि ने बताया की मंडी के अंदर के सीवरेज कई वर्षों से बंद पड़े है। वे मार्केट कमेटी के अधिकारियों व कमेटी में आने वाले नेताओं तथा उच्च अधिकारियों के सामने अपना दुखड़ा सुनाते है। सिर्फ आस वासन के मंडी के आढ़तियों को कुछ नही मिलता। जब भी वर्षा होती है, किसानों की फसल उसमें डूब कर खराब हो जाती है और पानी में बह जाती है, परन्तु मार्केट कमेटी के अधिकारियों व नेताओं के कानों पर जूं तक नही रेंगती। इतना जरूर है कि जब किसी कार्य में इनकी बढ़ाई होती है तो ये फोटो खिंचवाने के लिये आगे रहते है, परन्तु मंडी में से गंदे पानी की निकासी के लिये सीवरेज व्यवस्था ठाक करवाने के लिये सारा जिला प्रशासन कुंभकरणी नींद सोया पड़ा है। उन्होंने बताया कि अब हाल में ही कल वीरवार को बरसात हुई और मंडी में बाढ़ आ गई। सारी अनाज मंडी तालाब का रूप धारण कर चुकी। दो दिन बीत जाने के बाद भी मंडी की स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही। यहा यह भी उल्लेख करना जरूरी है कि जिन किसानों की फसल से मार्केट कमेटी प्रति वर्ष अरबों रुपया कमाती है, उन्हीं किसानों की फसल बचाने में नाकाम रहती है।
इसके साथ मंडी में वर्षा से किसानों की फसल बचाने के लिये जो शेड बनाये गये है, उनके नीचे व आसपास किसानों की फसल खरीद कर व्यापारियों के द्वारा ढ़ागें लगवाई हुई है और किसानों की फसल वर्षा में भीगती रहती है। मार्केट कमेटी के अधिकारी सारा दिन मंडी के अंदर घूमते रहते है और ढागों व किसानों की ढेरियों को पानी में डूबे देखते तो रहते है, परन्तु कोई कार्रवाई नही करते। मंडी में जो ढ़ागे होती है, उस फसल को किसान से कम मूल्य में लेकर तेजी के दौरान मंडी में ही कटवा कर बेचा जाता है और पक्के की बजाये यह दस्ती में खरीद किया होता है। इसके बाद भी कमेटी का कोई अधिकारी कार्रवाई नही करता। इस बारे में जब मार्केट कमेटी के सचिव दलेल सिंह से जानना चाहा तो उसका मोबाइल बंद मिला।
जल्दी ही समस्या हल की जायेगी- एस डी एम
इस बारे में एस डी एम कमलप्रीत कौर ने बताया कि मंडी में आकर स्थिति देखी जायेगी और समस्या हल करदी जायेगी। यदि किसानों की फसल पानी में डूबी पाई गई और शेडों में व्यापारियों का माल लगा पाया गया तो इस पर कार्रवाई की जायेगी।
फोटो- केटीएल01- नई अनाज मंडी में वर्षा से आई बाढ़ से तालाब रूपी मंडी में पानी में पड़ी किसानों की फसल।े
केटीएल02- मंडी में शेडों के नीचे लगी हुई व्यापारियों की ढ़ांगें।